चौदह अगस्त की शाम से पंद्रह अगस्त की सुबह तक
अंतिम किस्त ..........
(इतने में पुलिस के सायरन की आवाज सुनाई देती है।) बाबा चैकते है। पाँच - छः पुलिस वाले हाथ में लाठी के
साथ आते है।, और लाश की तरफ बढ़ते है।
इंसपेक्टर - तुमलोगों का मुखिया कौन है! बोलो। (सभी चुप) इस लाश को उठाकर चुपचाप चलते - फिरते नजर
आओ। दस मिनट के बाद मुख्यमंत्री उद्घाटन करने आ रहे है। कोई लफड़ा नही होना चाहिये।
बाबा - हमलोग इंसाफ चाहते है।
इंसपेक्टर - बोलो! क्या बात है।
बाबा - इस बेचारी के साथ कल रात खद्दरधारी लोगो ने बलात्कार किया, ये मर गई।
इंसपेक्टर - ठीक है! कल जाकर थाने में रिपोर्ट करवा देना। आगे कारवाई कि जायेगी।
बाबा - कल नही फैसला आज होगा। अभी.....वे खद्दरधारी यहीं है, उन्हे गिरफ्तार करें।
इंसपेक्टर - तुम्हारे पास सबुत है ?
बाबा - यह खद्दर का टुकड़ा। जो मेरी बेटी के हाँथ में था।
इंसपेक्टर - कोई चश्मदीद गवाह
बाबा - ये होटलवाला है साब............
होटलवाला - हाँ साब! कल शाम दुकान बंद करते वक्त तीन खद्दरधारी नेता मुझसे गिलास मांगे और शराब पी..........
इंसपेक्टर - शराब पी......बलात्कार तो नही किया, तुमने उसे बलात्कार करते देखा था।
होटलवाला - नही....
इंसपेक्टर - साला ! झूठ का चश्मदीद गवाह बनता है। जानता है चश्मदीद गवाह किसे कहते है। झूठ बोल
दूसरे को फंसाने के जूर्म में अन्दर कर दूंगा, साले जमानत तक नही मिलेगी।
सिपाही - सर वायरलेश से खबर आई है कि मुख्यमंत्री यहाँ के लिये रवाना हो चुके है।
इंसपेक्टर - चलो भागो यहाँ से मुख्यमंत्री के आने कि सुचना मिल चुकी है। चलो भागो.... जाओ कल रिपोर्ट लिखा लेना.....भागो।
बाबा - हमलोग मुख्यमंत्री को अपना दुखड़ा बतायेंगे। उनसे इंसाफ मांगेंगे । हमलोग उनसे बात करेंगे।
इंसपेक्टर - क्या मुख्यमंत्री से बात करेगा। एप्वायमेंट लिये है। साला हर ऐरा गैरा मुख्यमंत्री से बात करेगा।
जैसे मुख्यमंत्री इसके लिये बैठे हों.......
बाबा - मुख्यमंत्री हमारे लिये नहीं तो किनके लिये है। हमने उन्हें वोट देकर गद्दी पर बैठाया है...,हमारी नहीं
सुनेंगे तो किसकी सुनेंगे । ये गणतंत्र भारत है। आजादी के लिये हमने लड़ाई लड़ी है। उन्हें हमसे बात करनी होगी
इंसपेक्टर - कल कोई देशभक्ति फिल्म देखी थी क्या जो डायलाग झाड़ रहा है। जेल में डंडा पड़ेगे तो गर्मी निकल जाएगी- भागो यहां से.......
(इंसपेक्टर तीनों नेता के पास आकर- बात बिगड़ रही है साले मानते नहीं है। मुख्यमंत्री साहब यहां के लिये निकल पड़े है।
नेता(1) - इंसपेक्टर ! आप उनलोगों को संभालिए मैं मुख्यमंत्री से बात कर लूंगा
इंसपेक्टर - देखिए गड़बड़ नहीं होनी चाहिए वरना नौकरी खतरे में पड़ जाएगी।
नेता - घबराइए नहीं । हम आपके लिये बात करेंगे । बस आप उनलोगों को रोकिए।
इंस्पेक्टर - ठीक है । (सिपाहियों से) सिपाहियों ! साहब आ रहे हैं तैयार हो जाओ ।अटेन्शन!
(सायरन की आवाज । बच्चों के गीत का स्वर तेज होता है। मुख्यमंत्रीजी का आगमन वे झंडा फहराने के बाद तीनों नेता साथ लग जाते हैं । भिखमंगो की भीड़ लाश के पास आगे बढ़ना चाहती है परन्तु पुलिस बल उेन्हे रोकते है। झण्डा उद्घाटन के बाद)
मुख्यमंत्री - वे लोग कौन है?
नेता(1) - पास की बस्ती के लोग है। आपके दर्शन के लिये आये है।
मुख्यमंत्री - लगता है। कुछ कहना चाहते हो
नेता(2) - सर ! ये अपना दुखड़ा रोयेंगे बस्ती विकास के लिये आवेदन दिये थे, हमलोग कार्य कर रहे हैं।
नेता(3) - सर ! ये लोग कुष्ठ रोगी और भिखमंगे है। जल्दी निकल चले नहीं तो बिमारी भी लग सकती है।
इंस्पेक्टर - सर खबर आई कि उग्रवादी संगठन तोड़ फोड़ की योजना बनाए है। यहां ज्यादा देर रूकना ठीक
नहीं। इस भीड़ में उग्रवादी अपना फायदा उठा सकते है।
मुख्यमंत्री - सर हिलाते वापस चलें जाते हैं।
(मुख्यमंत्री के जाते ही सारे जहां से अच्छा गीत थम जाता है। गाड़ी जाने की आवाज स्वर (स्त्री) चलों बच्चों, बस में बैठो। भिखमंगों के बीच रोष)
बाबा - चला गया मुख्यमंत्री साहब चला गया । अब इंसाफ कैसे होगा।
भिखमंगा(1) - गरीबों की कोई नहीं सुनता बाबा, गरीब आदमी नहीं कीड़ा होता है। हम कीड़ा है बाबा कीड़ा।
बाबा - नहीं कोई कीड़ा नहीं सब आदमी है। इंसाफ होगा आज होगा।
बचरा - बाबा देखो उनलोगों को कैसे हंस रहे है। कितने भयानक दिखाई देते है।
बाबा - पत्थर उठा कर मारता है।
बाबा - सालों एक गरीब दुखियारी की अस्मत से खेल हँसते हो। साले, कुत्ते आजादी के लड़ाई बेकार गई । तुम साले जानवर से भी दरिनदे हो।
इंस्पेक्टर - साला ! पुलिस पर पत्थर फेकता है। हरामजादा ! मारो सालो को पुलिस उसे पीटते हैं। वह उपने को बचाता है। बचरा दौड़कर एक नेता को पकड़ लेता है।
बचरा - यही था रात में यही था । इसने ही पगली चाची को मारा है। मैं इसे नहीं छोड़ुंगा।
नेता(1) - साला ! नाली के तैयार कीड़े तेरी औकात कैसे हो गई, हाथ लगाने की (मारता है)
नेता(2) - (बचरी को पकड़ते हुए) साली कल भीख मांग रही थी, चल तुझे आज जी भर कर भीख देंगे।
(उसे पकड़ अपने साथ ले जाना चाहते हैं।)
बचरी - बाबा बचाओ! बचाओ ! बचरा दौड़ता है।
बचरा - कमीने,गन्दे लोग...... नेता से बचरी को छुड़ा उस पर टूट पड़ता है।
दूसरा नेता पूलिस से रायफल ले उसके बट से सर पर मारता है। बचरा छटपटाकर गिर पड़ता है, और मर जाता है।
बचरी - नहीं ऽ ऽ बाबा ऽ ऽ
इनलोगों ने बचरा को मार डाला बाबा.... बाबा.....
(बचरी को उसके लाश से नेता और इंस्पेक्टर मिल हटाते है, और खिचते हुये ले जाने की कोशिश करते हैं। बाबा उसे बचाने की कोशिश में उठता है। सिपाही उसे गोली मार देता है।
सिपाही - साला ! वर्दी पर हाथ डालता है। भाषण देता है, आजादी का पाठ पढ़ाता है। कमवख्त जा आजाद हो जा.... (गोली बाबा को मारता है।)
सिपाही - सर!
इंस्पेक्टर - अब क्या होगा।
नेता(1) - कुछ नही होगा। कह देना मुख्यमंत्री बस्ती में गये हुए थे, यह बुढ़ा भी भिखारी के रूप में उग्रवादी था। जिसने मुख्यमंत्री पर जानलेवा हमला करने कि साजीश रची थी, तथा मुठभेड़ में मारा गया।
बाबा - (कहते हुए) मैं.....मैं.....उग्रवादी नही......मैं स्वतंत्रा सेनानी हूँ.......मैने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी थी।.........ये कुर्बानीयाँ मेरा ताम्रपत्र.....मेरे स्वतंत्रा सेनानी का गवाह है।........मै उग्रवादी नही........दम तोड़ता है।
इंस्पेक्टर - ये तो स्वतंत्रा सेनानी निकला। अब क्या होगा। हँगामा होगा।
नेता(2) - कुछ नही होगा। सियासत मुझे चलानी आती है,सियासत की जब चक्की चलती है तो ऐसे कितने लोग उसमें पिसते है। इनके कब्र पर ही हमारी सिंहासने टिकी होती है। तुम फौरन हैडक्वाटर मैसेज भेजो। उग्रवादीयों द्वारा हमला किया गया है। बस्ती में उग्रवादी छुपे है। बस्ती को उजाड़ फेकों। इन भिखमंगो की बस्ती का नामो निशान मिटा दों.....
इंस्पेक्टर - सिपाहियों! बस्ती में उग्रवादियों के होने की सूचना मिली है। बस्ती एक - एक घर की तलाशी लो, बस्ती का नामो निशान मिटा दों। यह उग्रवादियों का शरण स्थल है। जाओ‘ जो भी इसका विरोध करें उसको खत्म कर दों।
नेता(2) - (ठहाका लगाते हुये) बस्ती उजड़ेगी तभी मार्केट काम्पलेक्स बनेगा - तभी जाकर होटल बनेगा। मास्टर प्लान में यह जगह सोना है सोना ...............
इंस्पेक्टर - सर इस बच्चे की लाश कया करें
नेता - इसे........इसे दूसरे थाना सीमा के गटर में डाल दो, मै दूसरे सीमा के थाना इंचार्ज से बात कर लूगाँ। यह साला दारू पीकर नाली में गिर गया, और मर गया.......जाओ.....खुशीयाँ मनाओ......तुमने मुख्यमंत्री की जान बचाई है।
तुम्हारे प्रमोशन के लिये हम बात करेगें।
इंस्पेक्टर - ओके सर जै हिंद.................
इंस्पेक्टरः- वायरलेस से हेडक्वाटर मैसेज भेजो। उद्घाटन स्थल पर झण्डोतोलन के बाद उग्रवादियों ने
गोलीबारी किया, जिसमे दो उग्रवादी मारा गया । ये समाचार सभी न्यूज पेपर में भेज दो।
(प्रकाश धीरे-धीरे सिमटा वृत में नेता-इंस्पेक्टर तक सिमित होता जाता है। )
नेता(1) - उग्रवादीयों के हमले से मुख्यमंत्रीजी बाल-बाल बचे।
नेता(2) - एक महिला उग्रवादी पगली के रूप में भिखमंगों की बस्ती में रहती थी, जिसका नाजायज संबंध
उग्रवादियों से था, इससे पता चलता है कि उस रात उक्त उग्रवादी ने......नाबालिग बच्ची से बलात्कार किया था। जिसकी लाश सुबह बस्ती के पिछे पाई गई।
एक लवारिस बच्चे की लाश गटर से बरामद। ऐसा प्रतित होता है जैसे अत्यधिक नशे के कारण गटर में गिर पड़ा हो, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
तीनो नेता एंव इंस्पेक्टर साथ खड़े हो त्रिशंकु का मोनोग्राम बनाते है तथा सम्मिलित स्वर में.......
सम्मिलित स्वरः- लाल किले से गरीबों के लिये अनेकों योजनाओं की घोषणा। गरीबी रेखा से नीचे रहने वालें को स्वतंत्रता दिवस पर आवास प्रदान की जायेगी। महिलाओं को विशेष छुट......
नाटककार- सूरज खन्ना
विशेष अनुरोध- यदि आप इस नाटक का मंचन,प्रकाशन,अनुवाद करना चाहते है तो नाटककार को सूचना अवश्य दें
Bat ekdam sahi hai mere bhai
जवाब देंहटाएंMain. Yahi story bacho ke sath mil KR banana Chahta hu please Hume aashirwaad dijiye
जवाब देंहटाएंजरूर
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