सोमवार, 30 जनवरी 2012

एकांकी नाटक

चौदह अगस्त की शाम से पंद्रह अगस्त की सुबह तक
पाँचवी किस्त ..........

(धीरे - धीरे सारे लोग जमा हो बैठ जाते है। उनके चेहरे पर आक्रोश है।   सिपाही का प्रवेश)

सिपाही  - अरे! क्या बात है। तुमलोग इस तरह यहाँ बैठे क्यों हो। थोड़ी देर में मुख्यमंत्री

   आनेवाले है। चलो - भागो यहाँ से........अरे भागते क्यों नही यहाँ से.......    अरे भागते क्यों नही....(पगली को

देखता है) इससे क्या हुआ....मर गई क्या।

बाबा  - हाँ मर गई। इसे मार डाला तुम्हारे व्यवस्था ने.......इसकी इज्जत लूट ली इस देश के इज्जतदारो ने.......
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सिपाही  - क्या बक रहे हो। चलो भागो यहाँ से......

बाबा  - जब तक न्याय नही होगा। हमलोग यहाँ से नही हटेंगे। ये सत्याग्रह चलता रहेगा।

सिपाही  - वाह! अब भिखमंगे भी सत्याग्रह करने लगे। अरे चलो हटो, मुख्यमंत्री आनेवाले  है, नौटंकी मत करे,   नही तो मार डंडा  हड्डी ढ़ीला कर देंगे।

बाबा  - हमलोग नही हटेगें। सत्याग्रह चलता रहेगा।

भिखमंगे - इंकलाब जिन्दाबाद , इंकलाब जिन्दाबाद

सिपाही  - ठीक है मत हटो, नेतई करो। साला जिसे देखो, इंकलाब जिन्दाबाद....... और अब भिखमंगे भी......... इस देश का पता नही क्या होगा।

   (इसी बीच तीनो नेताओं  का प्रवेश )

 नेता(1) - अरे! यहाँ तो मामला कुछ गड़बड़ लग रही है

नेता(2) - यार! कल नशे में गलती हो गई। साली मिली थी तो पगली.....

नेता(3) - सिपाही से पूछते है क्या मामला है.....सुनिए  सिपाही जी......

सिपाही  - अरे आपलोग। अब देखिए ना इनलोगो को......साले भिखमंगे पता नही क्या हो     गया......इन छोट जात लोग को .....कह रहे है, हट जाओ मुख्यमंत्री आनेवाले है, पर साले हटते ही नही...........

नेता(1) - आप कहाँ जा रहे थे........

सिपाही  - जा रहे है! थाना। बड़े साहब को खबरदार करने। मुख्यमंत्री के आने से पहले  इनलोगो को हटाना होगा.....भईया नौकरी  है न.....

नेता(2) - लगता है बात बढ़ गई।

नेता(3) - बात ज्यादा बढ़ी तो परेशानी हो सकती है। मामला यहीं सुलझ जाये तो ठीक  है।

नेता(1) - सुनिए सिपाही जी......क्या हो गई।

सिपाही  - पता नही! एक पगली थी मर गई है। उसकी इज्जत किसी ने लूट ली। इसी बात का मुद्दा बना ये हँगामा कर रहे है।

नेता(1) - सुनिये! ये लिजीये 100 - 200 रूपया देकर कहीये इनको कि लाश हटा ले,   इसका क्रियाक्रम करें।

सिपाही  - ठीक है साहब! आपलोग बहुत दयालु है।(जाने लगता है।)

नेता(2) - सुनो......अगर इतना पैसा में ना हो तो थोड़ा और दे देंगे।

   (सिपाही पैसा लेकर आता है।)

सिपाही  - सुनो! ये लो 100 रूपया इस पगली को हटाओ’ और इसका क्रियाक्रम करो। साला लोग पैसा कमाने का नया - नया धंधा अपनाते है।

बाबा  - जब तक न्याय नही होगा‘ हमलोग नही हटेंगे।

सिपाही  - क्या तब से न्याय - न्याय की रट लगा रखा है। क्या हुआ सर पर आसमान  टूट पड़ा है, मर गई इसके

 क्रियाक्रम का पैसा रखो जाओ यहाँ से......टेन्सन  मत करो.......हमारी भी नौकरी है....

बाबा  - हाँ आसमान टूट गया है। आजाद भारत में सभी की अस्मत की जिम्मेवारी आपकी है। आपकी लापरवाही का ही यह नतीजा है।

सिपाही  - क्या नतीजा है। मर गई........हर रोज लोग मरते है......इसकी जिम्मेवार  पुलिस कब तक रहेगी।
बाबा  - ये मरी नही‘...... इसकी हत्या की गई है।कल रात इसकी इज्जत लूट ली गई...... इसके साथ बलात्कार  किया गया।

सिपाही  - क्या कहानी गढ़ रहे हो। पगली के साथ बलात्कार......कोई पागल था क्या.....

बाबा  - हाँ पागल था, दिमाग का पागल, वासना का पागल, विचारों का पागल था। जिसने इस पर रहम नही किया, इसके साथ खिलवाड़ किया।

बचरा  - बाबा कल शाम को देर तक वही तीनों थे... होटल में बैठे थे।

होटलवाला - बाबा ... किसी से कहना नहीं .... उन तीनों ने दुकान बन्द करते समय गिलास मांगी थी, तीनों शराब पी रहे थे...

सिपाही  - क्या बकते हो । अरे वे कितने दयालु हैं पता है। उन्होने ही तो पैसे दिये हैं  ताकि इस पगली का

क्रियाकर्म हो । चलो जल्दी करो मुख्यमंत्री आने वाले हैं....   पैसा पकड़ो और मामला रफा - दफा करो...

बाबा  - वाह रे ! जिसने जख्म दिया वहीं अब मरहम लगाने लगे । सिपाही जी क्या  तुम्हारे घर यह घटना घटती तो क्या तब भी तुम कुछ पैसे ले मामला रफा-दफा  करते ...

   (इस तरफ माइम में दृश्य, नेता लोगों के तरफ दृश्य सजीत)

नेता(1) - लगता है मामला तुल पकड़ रहा ? यहां रहना ठीक नहीं हंगामा हो सकता है।

नेता(3) - उद्घाटन का समय हो रहा है। जल्दी कुछ उपाय ना किया गया तो परेशानी हो जाएगी ।

नेता(1) - मेरे ख्याल से स्कूल के बच्चों को जल्दी बुला लिया जाए।

नेता(2) - बच्चों से क्या होगा । उन्हें तो स्वागत गान के लिये बुलाया जा रहा है।

नेता(1) - बच्चे पहुंच जायेंगे तो मामला थोड़ा हल्का हो जाएगा।

नेता(3) - चलो अभी यहां से चलते हैं नहीं तो गड़बड़ हो सकता है। दूसरे जगह जाकर  प्लान करते हैं।

दोनों  - चलो!

   (तीनों निकल जाते हैं। प्रकाश पुनः माइम दृश्य पर)

सिपाही  - तो तुमलोग नहीं मानोगे ,हम अभी फोर्स बुलाकर तुमलोगों को हटाते है। सालें भिखमंगे नेतई करने लगे है.... साला एक -एक को मार-मार के भुर्ता बना देगें।

   (सिपाही चला जाता है। बाबा सत्याग्रह में बैठें है। पाश्र्व में  बच्चों के उतरने की आवाज सुनाई देती है। पाश्र्वस्वर (स्त्री- चलों बच्चों एक लाइन बना खड़े हो जाओ चलो गीत का रिहर्सल करें-पाश्र्व से ही..... सारे जहां से अच्छा .....हिन्दुस्ता हमारा.....    .. गीत)

बचरी  - बचरा  ये  सब बच्चे पढ़ते हैं ना

बचरा  - हाँ बचरी उनके कपड़े कितने अच्छे लग रहें हैं ना......

बचरी  - हमलोग भी अगर पढ़े तो हमलोग को भी इतना सुन्दर कपड़ा मिलेगा....

बचरा  - तु तो लड़की है। लड़की थोड़े  ही पढ़ती है।
बचरी  - लड़की लोग कैसे नहीं पढ़ती .... देखो तो उधर तो लड़की -लड़का सब है।

बचरा  - अरे हाँ । लड़की लोग भी है। अच्छा पढ़ने से क्या होता है।

बचरी  - पढ़ने से गाड़ी में बैठने को मिलता है.... अच्छे कपड़े खाना मिलते है...

बचरा  - सच... तब हमलोग भी पढ़ेगें  पर पढ़ेगें कब ... और पढ़ेगे तब भीख कब  मागेंगे... भीख नहीं मागेंगे तो खायेंगे क्या....

बचरी  - हाँ हमलोग तो भीख माँगने वाले बच्चे हैं...... बच्चें नहीं .... हमें आजतक किसने   बच्चा समझा .... सभी हमें कुत्ते की तरह दूतकारते हैं...... काश ... हम भी पढ़ सकते ... हम भी अच्छे बच्चे होते ....

बचरी  - उदास क्यों होते हो ... बाबा हमें प्यार करते हैं , हमारी बस्ती के सभी तो हमें  प्यार करते है।

बचरा  - हाँ .. चलो हमलोग भी गाये

बचरी  - हाँ , चलो हमलोग भी गाए....

   (दानों गीत गाते हुए लाश की तरफ बढ़ते हैं। तथा बाबा के पास जाकर गुनगुनाते है....)

बचरा  - बाबा ! सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां का अर्थ क्या होता है।

बेटा  - बेटा! इसका अर्थ होता सारे विश्व में हिन्दुस्तान सबसे अच्छा है।

बचरा  - मेरा हिन्दुस्तान सबसे अच्छा , बचरी मेरा हिन्दुस्तान सबसे अच्छा

बचरी  - और बाबा ... हम बुलबुले हैं इसके ये गुलिस्तां हमारा का मतलब

बाबा  - ये तुम्हारे लिये नहीं है बेटे ! तुम बुलबुले नहीं यह तो उनके लिये है जिनके  माँ-बाप के पास पैसो का अम्बार है, गाड़ी -घोड़ा है। ये तुम्हारे लिये नहीं है...

बचरा  - कोई बात नहीं बाबा। हमारा हिन्दुस्तान  सबसे अचछा तो है.... क्यों बचरी
बाबा  - (रूंधे गले से) हाँ बेटा.... सारा जहाँ से अच्छा हिन्दुसतान हमारा... हमारा हिन्दुस्तान सारे जहां से अच्छा है- सारे जहां से अच्छा हे।


                                                                                                              जारी ...आगे कल पढ़े

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